Maa Durga - Siddha Kunjika Stotram in Hindi | सिद्ध कुंजिका

Siddha Kunjika Stotram In Hindi

Devi Durga - सिद्ध कुंजिका स्तोत्रम का अर्थ | Meaning of Siddha Kunjika Stotram

कुंजिका स्तोत्रम को पढ़ने से पहले जाने कुंजिका  स्तोत्रम का अर्थ :

कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा स्तोत्र है जो बहुत ही प्रभावशाली और शक्तिशाली माना जाता है। इस स्तोत्र का पाठ करने से विभिन्न प्रकार की आपत्तियों से विजय प्राप्त होती है। 

इसके अलावा मां दुर्गा की कृपा से आप पर नकारात्मक ऊर्जा का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है, दूसरे शब्दों में, आपको नकारात्मक ऊर्जा का खतरा नहीं है। 

हम आपको बता दे की यह स्तोत्र माँ दुर्गा सप्तशती से प्राप्त होने वाली शक्ति को जागृत करने का कार्य करता है। कुंजिका स्तोत्रं की रचना माता पारवती तथा शिव जी के माध्यम से हुई है। 

कुंजिका स्तोत्र का जाप करने का सही समय :- हालांकि कुंजिका स्तोत्र के पाठ का समय शाम और रात के समय शुभ माना जाता है, इसके अलावा आप जब चाहें इस स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं।

चलिए अब मिलकर कुंजिका स्तोत्रम का जाप करते है।


इस आलेख में | In This Article :

  • Shri Devi सिद्ध कुंजिका स्तोत्रम का अर्थ
  • सिद्ध कुंजिका स्तोत्र के लाभ 
  • हिंदी में सिद्ध कुंजिका स्तोत्रम के बोल 
  •  डाउनलोड करे Devi सिद्ध कुंजिका स्तोत्रम की  छवि
  • Maa सिद्ध कुंजिका स्तोत्रम की पीडीएफ
  • Shri सिद्ध कुंजिका  स्तोत्रम को वीडियो के रूप में देखे
  • अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल

Know More :- Maa Durga

Shri Devi सिद्ध कुंजिका स्तोत्र के लाभ : 

कुंजिका स्तोत्रम का पाठ शत्रुओं से छुटकारा तथा बचाव के लिए अत्यंत फायदेमंद है।

सुख तथा शांति की प्राप्ति होती है

विभिन्न प्रकार की विपत्तियां दूर होती है

कुंजिका स्तोत्रम का जाप पति पत्नी तथा परिवार आदि के संबंधों को मजबूत बनाने में सहायक सिद्ध है।


पढ़े सिद्ध कुंजिका स्तोत्रम के बोल | Read Sidha Kunjika Stotram Lyrics :

|| सिद्ध कुंजिका स्तोत्रम ||

|| शिव उवाच ||

शृणु देवि प्रवक्ष्यामि कुंजिकास्तोत्रमुत्तमम्।
येन मन्त्रप्रभावेण चण्डीजापः शुभो भवेत् || १ ||

न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यकम् |
न सूक्तं नापि ध्यानं च न न्यासो न च वार्चनम् || २ ||

कुञ्जिकापाठमात्रेण दुर्गापाठफलं लभेत् |
अति गुह्यतरं देवि देवानामपि दुर्लभम् || ३ ||

गोपनीयं प्रयत्नेन स्वयोनिरिव पार्वति
मारणं मोहनं वश्यं स्तंभोच्चाटनादिकम ||
पाठमात्रेण संसिध्येत् कुंजिकास्तोत्रमुत्तमम् || ४ ||

|| अथ मंत्रः ||

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ ग्लौं हुं क्लीं जूं सः
ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा ||

|| इति मंत्रः ||

नमस्ते रुद्ररूपिण्यै नमस्ते मधुमर्दिनि |
नमः कैटभहारिण्यै नमस्ते महिषार्दिनि || १ ||

नमस्ते शुम्भहन्त्र्यै च निशुम्भासुरघातिनि |
जाग्रतं हि महादेवि जपं सिद्धं कुरुष्व मे || २ ||

ऐंकारी सृष्टिरुपायै ह्रींकारी प्रतिपालिका |
क्लींकारी कामरूपिण्यै बीजरूपे नमोस्तु ते || ३ ||

चामुण्डा चण्डघाती च यैकारी वरदायिनी |
विच्चे चाभयदा नित्यं नमस्ते मन्त्ररूपिणि || ४ ||

धां धीं धूं धूर्जटेः पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी |
क्रां क्रीं क्रूं कालिका देवि शां शीं शूं मे शुभं कुरु || ५ ||

हुं हुं हुंकाररूपिण्यै जं जं जं जम्भनादिनी |
भ्रां भ्रीं भ्रूं भैरवी भद्रे भवान्यै ते नमो नमः || ६ ||

अं कं चं टं तं पं यं शं वीं दुं ऐं वीं हं क्षं |
धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा || ७ ||

पां पीं पूं पार्वती पूर्णा खां खीं खूं खेचरी तथा |
सां सीं सूं सप्तशती देव्या मंत्रसिद्धिं कुरुष्व मे || ८ ||

इदं तु कुंजिकास्तोत्रं मंत्रजागर्तिहेतवे |
अभक्ते नैव दातव्यं गोपितं रक्ष पार्वति ||

यस्तु कुंजिकया देवि हीनां सप्तशतीं पठेत् |
न तस्य जायते सिद्धिररण्ये रोदनं यथा ||

| इति श्रीरुद्रयामले गौरीतन्त्रे शिवपार्वतीसंवादे कुंजिकास्तोत्रं सम्पूर्णम् |

|| ॐ तत्सत् ||

|| सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का अर्थ ||

शिव जी ने कहा :- 

देवी! सुनो। मैं उत्तम कुंजिका स्तोत्र का ज्ञान उपदेश करूँगा, जिस मन्त्र के प्रभाव से देवीचण्डी का जप (पाठ) सफल होता है || 1 ||

कवच, अर्गला, कीलक, रहस्य, सूक्त, ध्यान, न्यास यहाँ तक कि अर्चन भी आवश्यक नहीं है || 2 ||

केवल कुंजिका के पाठ से दुर्गापाठ का फल प्राप्त हो जाता है। यह सिद्ध कुंजिका स्तोत्र अत्यंत गुप्त और देवों के लिए भी दुर्लभ है || 3 ||

हे पार्वती! इसे स्वयोनि (गुप्त अंग) की भाँति प्रयत्न पूर्वक गुप्त रखना चाहिये। यह उत्तम कुंजिका स्तोत्र केवल पाठके द्वारा मारण, मोहन, वशीकरण, स्तम्भन और उच्चाटन आदि (आभिचारिक ) उद्देश्यों को सिद्ध करता है || 4 ||

मन्त्र :- ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ||ॐ ग्लौं हुं क्लींजूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा ||

हे रुद्रस्वरूपिणी | हे मधु दैत्य को मारने वाली | कैटभविनाशिनीको नमस्कार | महिषासुर को मारने वाली देवी! तुम्हें प्रणाम है || १ ||

शुम्भ का हनन करने वाली और निशुम्भ को मारने वाली! तुम्हें नमस्कार है। हे महादेवि! मेरे जपको जाग्रत् और सिद्ध करो || २ ||

‘ ऐंकार ‘ के रूपमें सृष्टि स्वरूपिणी, ‘ ह्रीं ‘ के रूपमें सृष्टि पालन करने वाली | ‘ क्लीं ‘ के रूपमें कामरूपिणी ( तथा निखिल ब्रह्माण्ड ) की बीज रूपिणी देवी! तुम्हें नमस्कार है || ३ ||

चामुण्डा के रूप में चण्ड विनाशिनी और ‘ यैकार ‘ के रूपमें तुम वर देने वाली हो | ‘ विच्चे ‘ रूपमें तुम नित्य ही अभय देती हो | ( इस प्रकार ‘ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे’ ) तुम इस मन्त्रका स्वरूप हो || ४ ||

‘ धां धीं धूं ‘ के रूपमें धूर्जटी ( शिव ) -की तुम पत्नी हो | ‘ वां वीं वू ‘ के रूपमें तुम वाणी की अधीश्वरी हो | ‘ क्रां क्रीं क्रू ‘ के रूपमें कालिकादेवी, ‘ शां शी शृं ‘ के रूपमें मेरा कल्याण करो || ५ ||

‘ हुं हुं हुंकार ‘ स्वरूपिणी, ‘ जं जं जं ‘ जम्भनादिनी, ‘ भ्रां भी ‘ के रूप में हे कल्याण कारिणी भैरवी भवानी! तुम्हें बार-बार प्रणाम || ६ ||

‘ अं कं चं टं तं पं यं शं वीं दुं ऐं वीं हं क्षं धिजाग्रं धिजाग्रं ‘ इन सबको तोड़ो और दीप्त करो, करो स्वाहा || ७ ||

‘ पां पी पूं ‘ के रूपमें तुम पार्वती पूर्णा हो | ‘ खां खी खू ‘ के रूपमें तुम खेचरी ( आकाश चारिणी ) अथवा खेचरी मुद्रा हो | ‘ सां सी सूं ‘ स्वरूपिणी सप्तशती देवी के मन्त्र को मेरे लिये सिद्ध करो || ८ ||

इस प्रकार श्रीरुद्रयामलके गौरीतन्त्रमें शिव-पार्वती-संवादमें

|| सिद्धकुंजिकास्तोत्र सम्पूर्ण  ||


कुंजिका का मतलब क्या होता है ?


कुंजी का अर्थ ताले की चाबी होता है. जिसे अंग्रेजी भाषा में की के नाम से जाना जाता है।

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने से क्या होता है ?

कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने से आपके जीवन में कई लाभ होते हैं जैसे:- सुख शांति में वृद्धि, नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा, धन में वृद्धि होना आदि।


दुर्गा सप्तशती को शापित क्यों है ?

श्री दुर्गा सप्तशती को इसलिए शापित किआ गया ताकि भविष्य में इसका कोई दुरूपयोग ना कर सके।

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का मंत्र कौन सा है ?

ऊं ग्लौं हुं क्लीं जूं स: ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा।।


 डाउनलोड करे सिद्ध कुंजिका स्तोत्रम की  छवि : 

सिद्ध कुंजिका स्तोत्रम की  छवि

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हम आशा करते हैं कि आप हमारी सेवा से लाभान्वित होंगे। अगर आप सिद्ध कुंजिका स्तोत्रम इमेज में डाउनलोड करना चाहते हैं।

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डाउनलोड करे सिद्ध कुंजिका स्तोत्रम की पीडीएफ :

जिस तरह हमने आपको इस पोस्ट के तहत सिद्ध कुंजिका स्तोत्रम लिरिक्स डाउनलोड करने की सेवा प्रदान की है, उसी तरह हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से पीडीएफ डाउनलोड करने की सेवा प्रदान कर रहे हैं। 

सिद्ध कुंजिका स्तोत्रम पीडीएफ को हिंदी में डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें।


Maa Durga :- सिद्ध कुंजिका  स्तोत्रम को वीडियो के रूप में देखे :

आपकी सेवा को ध्यान में रखते हुए हमने youtube की सहायता से सिद्ध कुंजिका स्तोत्रम का वीडियो हिंदी में आपके सामने प्रस्तुत किया है(watch siddha kunjika stotram)। 

आप केवल प्ले बटन पर क्लिक करके सिद्ध कुंजिका स्तोत्रम के बोल शुरू कर सकते हैं। इस वीडियो के माध्यम से सिद्ध कुंजिका स्तोत्रम को हिंदी में देखने और पढ़ने का आनंद लें।



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