क्या आप PDF में हनुमान स्तोत्रम पढ़ना चाहते हैं? आपका जवाब है तो यह पोस्ट आपके लिए है। श्री Hanuman Vadvanal Stotra हिंदू धर्म में बहुत लोकप्रिय है।
हिन्दू धर्म में हर कोई हनुमान जी की पूजा करता है ताकि वह अपने जीवन की सभी प्रकार की समस्या को दूर कर सके। यह स्तोत्र कष्ट, भये, चिंता, दुःख आदि को खत्म करने में फलदाई माना जाता है।
रावण के भाई विभीषण जी ने इस पवित्र स्तोत्र की रचना की, जो हर मनुष्य के जीवन में कष्टों को दूर करने में सहायक माना जाता है। मेरा नाम पंडित श्री शिवपूजन है और मैं बचपन से ही हिंदू धर्म के बारे में सीखता आ रहा हूं।
मैं आपसे पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूँ कि यदि आप श्री हनुमान चालीसा के साथ श्री वडवानल स्तोत्रम को नियमित रूप से रीड करते है तो आपका जीवन एक सही दिशा की ओर बढ़ने लगेगा।
आपके रीड करने के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए हमने इस पोस्ट के मध्य में PDF की सुविधा भी प्रदान करी है जिसे आप अपने डिवाइस में सेव करके कभी भी रीड कर सकते है. चलिए अब मिलकर इस पवित्र स्तोत्र को रीड करने की यात्रा को शुरू करे।
ॐ नमो हनुमते : Read Hanuman Vadvanal Stotra in Hindi | श्री हनुमान वडवानल स्तोत्र
।। श्री हनुमान वडवानल स्त्रोत ।।
। श्रीगणेशाय नमः।
ॐ अस्य श्री हनुमान् वडवानल-स्तोत्र-मन्त्रस्य श्रीरामचन्द्र ऋषि श्रीहनुमान् वडवानल देवता ह्रां बीजम्ह्रीं शक्तिं, सौं कीलकं,मम समस्त विघ्न-दोष-निवारणार्थे, सर्व-शत्रुक्षयार्थे
सकल-राज-कुल-संमोहनार्थे, मम समस्त-रोग-प्रशमनार्थम्
आयुरारोग्यैश्वर्याऽभिवृद्धयर्थं समस्त-पाप-क्षयार्थं श्रीसीतारामचन्द्र-प्रीत्यर्थं च हनुमद् वडवानल-स्तोत्र जपमहं करिष्ये।।
। ॐ ह्रां ह्रीं ॐ नमो भगवते ।
श्री महाहनुमते प्रकटपराक्रम सकलदिमण्डल यशोवितानधवलीकृत जगत्रितय वज्रदेह रुद्रावतार लङ्कापुरीदहन उमामलमन्त्र उदधिबन्धन दशशिरःकृतान्तक सीताश्वसन वायुपुत्र अञ्जनीगर्भसम्भूत श्रीरामलक्ष्मणानन्दकर कपिसैन्यप्राकार सुग्रीवसाह्यरण पर्वतोत्पाटन कुमारब्रह्मचारिन् गंभीरनाद सर्वपापग्रहवारण सर्वज्वरोच्चाटन डाकिनीविध्वंसन ।।
। ॐ ह्रां ह्रीं ॐ नमो भगवते महावीरवीराय ।
सर्वदुःखनिवारणाय ग्रहमण्डल सर्वभूतमण्डल-सर्वपिशाचमण्डलोच्चाटन-भूतज्वर एकाहिकज्वर-द्व्याहिकज्वर-त्र्याहिकज्वर- चातुर्थिकज्वर सन्तापज्वर विषमज्वर तापज्वर-माहेश्वरवैष्णवज्वरान् छिन्धि छिन्धि यक्षब्रह्मराक्षसभूतप्रेतपिशाचान् उच्चाटय उच्चाटय ।।
ॐ ह्रां ह्रीं ॐ नमो भगवते श्रीमहाहनुमते ।।
ॐ ह्रां ह्रीं हूं हैं ह्रौं ह्रः आं हां हां हां औं सौं एहि एहि एहि ॐहं ॐहं ॐहं हं ।।
। ॐनमो भगवते श्रीमहाहनुमते ।
श्रवणचक्षुर्भूतानां शाकिनीडाकिनीनां विषमदुष्टानां सर्वविषं हर हर
आकाशभुवनं भेदय भेदय छेदय
छेदय मारय मारय शोषय शोषय
मोहय मोहय ज्वालय ज्वालय प्रहारय प्रहारय सकलमायां भेदय भेदय स्वाहा ।।
। ॐ ह्रां ह्रीं ॐ नमो भगवते महाहनुमते ।
सर्व ग्रहोच्चाटन परबलं क्षोभय क्षोभय सकलबन्धनमोक्षणं कुरु कुरु शिरःशूल-गुल्मशूल- सर्वशूलान्निर्मूलय निर्मूलय
नागपाशानन्त-वासुकि तक्षक-कर्कोटक कालियान्यक्ष-कुलजलगत- बिलगतरात्रिञ्चर-दिवाचर
सर्वान्निर्विषं कुरु कुरु स्वाहा ।।
। ॐ ह्रां ह्रीं ॐ नमो भगवते महाहनुमते ।
राजभय-चोरभय-परमन्त्र-परयन्त्र-परतन्त्र-परविद्याच्छेदय छेदय स्वमन्त्र-स्वयन्त्र-स्वतन्त्र-स्वविद्याः प्रकटय प्रकटय सर्वारिष्टान्नाशय नाशय सर्वशत्रून्नाशय नाशय असाध्यं साधय साधय हूं फट स्वाहा ।।
॥ इति श्रीविभीषणकृतं हनुमद्वाडवानलस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥
Shri Hanuman Vadvanal Stotra Meaning In Hindi |जानिए श्री हनुमान वडवानल स्तोत्र का अर्थ
अर्थ :- यह हनुमान वडवानल स्तोत्र भगवान गणेश को प्रणाम करने से शुरू होता है। इस स्तोत्र के ऋषि रामचंद्र हैं। स्तोत्र के देवता श्री वडवानल हनुमान हैं।
मैं अपने सभी रोगों को दूर करने के लिए और श्री सीतारामचंद्र के लिए इस हनुमान वडवनल स्तोत्र का पाठ करता हूं।
अर्थ :- वह सभी दिशाओं में विजयी है। वह तीनों लोकों (पाताल, पृथ्वी और स्वर्ग) में विजयी है। उनका शरीर बहुत मजबूत है ( वज्र देह)। वह बहुत क्रोधित हुए और उन्होने लंका में आग लगा दी। 10 सिर वाले रावण का भय था।
भगवान हनुमान उमा अमला मंत्र जानते हैं। वह एक बहुत बड़े और विशाल बादल की तरह दिखता है जिसमें पानी है। वह पवन का पुत्र है और अंजनी उसकी माता है।
उन्होंने भगवान राम और लक्ष्मण को प्रसन्न किया। उन्होंने बंदर-सेना का नेता बनकर सुग्रीव की मदद की। रावण की सेना के साथ युद्ध के समय, वह दुश्मन सेना पर पहाड़ियों, पहाड़ों को फेंक रहे थे। वे ब्रह्मचारी हैं अर्थात अविवाहित।
वह बहुत गंभीर है। वह ग्रह के बुरे प्रभावों को नष्ट कर सकते है, वह शरीर के उच्च तापमान के कारण होने वाले सभी प्रकार के रोगों को नष्ट कर सकते है। वह हमें हर तरह के संकटों से मुक्त करते है, चाहे वह कितना ही गंभीर क्यों न हो। वह राक्षसों का नाश कर सकते है।
अर्थ :- मैं भगवान हनुमान को नमन करता हूं जो बहुत शक्तिशाली और बलवान हैं और उनसे आशीर्वाद मांगते हैं और मेरे दुखों को दूर करते हैं। वह ग्रह मंडल, सभी जीवित प्राणियों को मंडल, सभी राक्षसों, भूतों आदि से मुक्त बनाता है।
राक्षसों से परेशानी और किसी भी चीज से कोई भी खतरा उनके द्वारा दूर किया जाता है। इसलिए, मैं उनसे अनुरोध करता हूं कि मुझे उपरोक्त सभी प्रकार के खतरों, परेशानियों से मुक्त करें। मैं उनसे भूतों, राक्षसों और बुरी फसलों को नष्ट करने का अनुरोध करता हूं।
अर्थ :- मैं श्री भगवान हनुमान को नमन करता हू।
अर्थ :- मैं उनसे अनुरोध करता हूं कि वे राक्षसों, भूतों और अन्य बुरी चीजों से सभी प्रकार के जहर को हटा दें।
वे कुरूप वस्तुएँ जो आकाश में हैं, हनुमानजी उन्हें हरा दें, मेरे लिए उन्हें नष्ट कर दें और मुझे उनके कष्टों से मुक्त कर दें।
अर्थ :- मैं भगवान हनुमान को नमन करता हूं और उनसे अनुरोध करता हूं कि मुझे ग्रहों की परेशानी से मुक्त करें (जो मेरी कुंडली में मेरे अनुकूल नहीं हैं)। कृपया मुझे सभी प्रकार के बंधनों से मुक्त करें कृपया मुझे सिर दर्द, शरीर के दर्द और सभी दुखों से मुक्त करें।
कृपया मुझे अनंत, वासुकी, तक्षक, कलियां और कर्कोटक (नाग लोक के प्रसिद्ध बड़े नागों के नाम) के नागबंधन से मुक्त करें। यक्ष, जीव जल में चले जाते हैं, जीव मिट्टी के नीचे चले जाते हैं,
जीव रात में चलते हैं, जीव दिन में चलते हैं, ये सभी मेरे लिए जहरीले और कष्टदायक हैं,इसलिए हे भगवान हनुमान कृपया जहर हटा दें। उन्हें कम जहरीला बनाओ
अर्थ :- कृपया राजा, चोर से भय को दूर करें और शत्रु के हथियार, मंत्र और तंत्र से भी भय को दूर करें और उन्हें नष्ट करें कृपया मुझे अपने आप में सभी अच्छे गुणों को विकसित करने का ज्ञान दें।
कृपया मेरे सभी कष्टों और कठिनाइयों का नाश करें। कृपया मेरे सभी शत्रुओं का नाश करें। कृपया मुझे असंभव को संभव में बदलने के लिए ज्ञान, शक्ति और ऊर्जा प्रदान करें हूं फट स्वाहा
अर्थ :- यहां हनुमान वडवानल स्तोत्र संपूर्ण हुआ ।
हनुमान वडवानल स्तोत्र का पाठ शुरू कैसे करें?
- सबसे पहले एक लक्ष्य निर्धारित करे
- 41 दिनों तक लगातार स्तोत्र का पाठ करना शुभ माना जाता है
- 41 दिनों में कम से कम 108 बार स्तोत्रम का पाठ करें
- सबसे पहले रोज ताजे पानी से नहाएं
- नहाने के बाद साफ कपड़े पहनें
- हनुमान जी के सामने फूल चढ़ाएं और दीपक जलाएं
- इन सभी क्रियाओं को करने के बाद हनुमान स्तोत्र का पाठ करना शुरू करें
- पूजा समाप्त होने के बाद भगवान को प्रसाद का भोग लगाएं और आसपास के सभी लोगों को प्रसाद दें
हनुमान वडवानल : Benefits of Hanuman Vadvanal Stotra
- जीवन की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है
- मनवांछित इच्छा पूरी होती है
- श्री राम तथा हनुमान जी की कृपा बनी रहती है
- आपको मुसीबतों से बचाता है
- बुरी शक्तियों से रक्षा करता है
- नकारात्मक विचारों से मुक्ति मिलती है
- घर में सुख तथा शांति बनी रहती है
- आत्मबल को बढ़ाने में मदद मिलती है
Watch Video of Shri Hanuman Vadvanal Stotra in Hindi | वीडिओ के रूप में देखे श्री हनुमान वडवानल स्तोत्र
अगर आप Hanuman Vadvanal Stotra पढ़ने के अलावा वीडियो देखने के इच्छुक हैं तो आपको वीडियो देखने के लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं है।
आपकी सेवा को ध्यान में रखते हुए हमने Shri Vadvanal Stotra का एक वीडियो यूट्यूब की सहायता से आपके सामने प्रस्तुत किया है।
आप स्तोत्र के बोल प्ले बटन पर क्लिक करके शुरू कर सकते हैं। इस वीडियो के माध्यम से Hanuman vadvanal stotra गीत हिंदी में देखने और पढ़ने का आनंद लें।
Download Shri Hanuman Vadvanal Stotra PDF | श्री वडवानल स्तोत्र का पीडीऍफ़ हिंदी में डाउनलोड करे
जिस प्रकार हमने आपको इस पोस्ट के अंतर्गत स्तोत्र Video गीत की सेवा प्रदान की है, उसी प्रकार हम इस पोस्ट के माध्यम से आपके साथ पीडीएफ डाउनलोड करने की सेवा प्रदान कर रहे हैं।
यदि आपका मोबाइल इंटरनेट काम नहीं कर रहा है या इंटरनेट समाप्त हो गया है, तो आप बिना किसी रुकावट के इस पीडीएफ के माध्यम से Hindi में Hanuman Vadvanal Stotra read कर सकते हैं।
हम अपने आप को सौभाग्यशाली समझते हैं कि हमें आपकी सेवा करने का अवसर मिला। स्तोत्र पीडीएफ को Hindi में डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें।
Read Also :- Hanuman Chalisa in English
FAQS : अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल
Ques :- हनुमान जी की स्तुति कैसे करें?
Ans :- यदि आप हनुमान जी की स्तुति करना चाहते है तो आप मात्र के जाप से हनुमान जी की स्तुति को कर सकते है जिसका वर्णन इस प्रकार है :-Shri Hanuman Stuti Mantra अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहम् दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम् | सकलगुणनिधानं वानराणामधीशम् ||
ॐ मनोजवं मारुततुल्य वेगम् जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठं वातात्मजं वानर युथमुख्यं श्री रामदूतं शरणं प्रपद्ये ||
Ques :- हनुमान जी की सिद्धि कैसे की जाती है?
Ans :- यदि आप हनुमान जी की सिद्धि करना चाहते है तो आपको 40 दिन तक हनुमान जी का पाठ करने की आवश्यकता होती है जिसमे आप रोजाना हनुमान जी के सामने 11 बार माला जपकर सिद्धि प्राप्त कर सकते है।
Ques :- हनुमान जी का कौन सा पाठ करना चाहिए?
Ans :- श्री हनुमान चालीसा हिन्दू धर्म में सर्वाधिक प्रचलित है। श्री हनुमान चालीसा सारे संकट दूर करती है। आप पहले श्री हनुमान चालीसा का पाठ कर सकते हैं और फिर आप श्री हनुमान वडवानल स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं। ऐसा करने से भगवान अधिक प्रसन्न होते हैं।
Ques :- हनुमान जी के साक्षात दर्शन कैसे हो?
Ans :- यदि कोई भक्त सच्चे मन से हनुमान जी को मानता है और नियमित रूप से पूजा करता है तो श्री हनुमान अपने भक्त को अवश्य ही दर्शन देते हैं।
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